National Parks of India: राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) भारत के प्राकृतिक धरोहर हैं, जो वन्यजीवों, पेड़-पौधों और जैव विविधता को संरक्षण (Protection) देने के लिए बनाए गए हैं। ये पार्क ना केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि हमारे प्राकृतिक इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा से भी जुड़े हुए हैं।
राष्ट्रीय उद्यान क्या होते हैं?
राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित क्षेत्र होता है जहाँ जीव-जंतु, पेड़-पौधे और पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) को सरकार द्वारा कानूनी संरक्षण प्राप्त होता है। यहाँ शिकार, जंगल की कटाई या किसी भी प्रकार की मानवीय हस्तक्षेप पूरी तरह से प्रतिबंधित होती है।

भारत में कुल कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं?
(Wildlife Institute of India) के मुताबिक भारत में (मार्च 2025 तक) 106 राष्ट्रीय उद्यान अधिसूचित किए जा चुके हैं
यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 1.35% हिस्सा कवर करते हैं। (National Parks List)👇
https://wii.gov.in/nwdc_national_parks
राष्ट्रीय उद्यानों का इतिहास
भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान हेली नेशनल पार्क था, जिसे वर्ष 1936 में उत्तराखंड में स्थापित किया गया। बाद में इसका नाम बदलकर जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park) कर दिया गया।
1972 में भारत में “वन्यजीव संरक्षण अधिनियम” पास किया गया, जिसने इन उद्यानों को कानूनी रूप से अधिक सुरक्षा दी।
राष्ट्रीय उद्यान का उद्देश्य
- लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करना
- जैव विविधता को सुरक्षित रखना
- पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) को संतुलित रखना
- अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना
- इको-टूरिज्म के ज़रिए लोगों में प्रकृति के प्रति जागरूकता लाना

प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान
1. जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड)
- भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान (1936 में बना)
- बाघ संरक्षण योजना ‘Project Tiger’ यहीं से शुरू हुआ
2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम)
- एक-सींग वाले गैंडे का प्रमुख आश्रय
- UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट
- ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे फैला हुआ
3. गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात)
- एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान
- शुष्क पर्णपाती वन और खुले मैदान
4. कन्हा राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश)
- बाघों और बारासिंघा हिरणों के लिए प्रसिद्ध
- रुदयार्ड किपलिंग की ‘जंगल बुक’ की प्रेरणा
5. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल)
- रॉयल बंगाल टाइगर का घर
- मैंग्रोव वन, डेल्टा क्षेत्र
- नाव से सैर करने का अनोखा अनुभव

जैव विविधता और पारिस्थितिकी में योगदान
भारत जैसे विशाल और विविध भौगोलिक देश में राष्ट्रीय उद्यानों का पारिस्थितिकीय महत्व अत्यंत है। ये पार्क कई संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, एक-सींग वाले गैंडे, हिम तेंदुआ और बारासिंघा को उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित रखते हैं।
इन उद्यानों में मौजूद वनस्पतियाँ — साल, सागौन, बांस, देवदार और मैंग्रोव — न केवल वायुमंडल से कार्बन अवशोषित करती हैं, बल्कि जलचक्र और जलवायु संतुलन में भी भूमिका निभाती हैं।

क्या आप जानते हैं?
- भारत के राष्ट्रीय उद्यानों में 500+ स्तनधारी प्रजातियाँ, 1300+ पक्षी, और 30,000+ पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज पार्क – काजीरंगा, मानस और सुंदरबन को विशेष वैश्विक दर्जा प्राप्त है।
संरक्षण और सरकारी प्रयास
1. Project Tiger (1973)
- बाघों की घटती संख्या को रोकने के लिए
- कॉर्बेट, कन्हा, रणथंभौर जैसे टाइगर रिज़र्व बनाए गए
2. Project Elephant (1992)
- हाथियों के संरक्षण के लिए
- मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की पहल
3. Biosphere Reserves और RAMSAR Sites
- कुछ राष्ट्रीय उद्यानों को जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र और वेटलैंड्स का दर्जा भी प्राप्त

राष्ट्रीय उद्यान और पर्यटन
आजकल राष्ट्रीय उद्यानों को पर्यावरणीय पर्यटन (Eco-Tourism) से जोड़ा जा रहा है। लोग जंगल सफारी, बर्ड वॉचिंग, ट्रेकिंग और फ़ोटोग्राफ़ी के लिए इन पार्कों का दौरा करते हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलता है और पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलती है।
परंतु ध्यान रहे कि पर्यटन बिना नियमों के हो तो यह प्रकृति को हानि पहुँचा सकता है। इसलिए सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देना ज़रूरी है।

निष्कर्ष
भारत के राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ जंगल नहीं हैं — ये जीवन के विविध रूपों के आश्रयस्थल हैं। वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरणीय शिक्षा और इको-टूरिज्म के ज़रिए ये हमारी प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने का अद्भुत कार्य कर रहे हैं।
हमें इन पार्कों का सम्मान करना चाहिए, इनकी सुरक्षा के लिए जागरूक होना चाहिए और इन्हें नष्ट होने से बचाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस जैव विविधता का आनंद ले सकें।
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